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Ahmad faraz 2 lines shayari |
बर्बाद करने के और भी रास्ते थे फ़राज़
वो परेशां हो तो हमें नींद नहीं आती !!
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उम्मीद वो रखे न किसी और से फ़राज़
हर शख्स मुहब्बत नहीं करता उसे कहना !!
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कभी हिम्मत तो कभी हौसले से हार गए
हम बदनसीब थे जो हर किसी से हार गए
अजब खेल का मैदान है ये दुनिया फ़राज़
की जिसको जीत चुके उसी से हार गए !!
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फिर इतने मायूस क्यूँ हो उसकी बेवफाई पर फ़राज़
तुम खुद ही तो कहते थे की वो सब से जुदा है !!
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मै वफ़ा का कौन सा सलीका इख्तियार करूँ फ़राज़
उसे यकीन हो जाए के मुझे वो हर एक से प्यारा है !!
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जो कभी हर रोज मिला करते थे फ़राज़
वो चेहरे तो अब ख़ाब ओ ख्याल हो गए !!
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तपती रही है आस की किरणों पे जिंदगी
लम्हे जुदाईयोँ के मा - ओ साल हो गए !!
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हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हे चाहत का ऐसा मज़ा फ़राज़
तुम लोगों से खुद कहते फिरोगे की मुझे चाहो तो उसकी तरह !!
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दिवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की फ़राज़
लोगों ने मेरे घर से रास्ते बना लिए !!
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दोस्ती अपनी व् असर अपनी है फ़राज़
बहुत याद आएंगे जरा भूल क्र तो देखो !!
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जब उसका दर्द मेरे साथ वफ़ा करता हैं
एक समुन्द्र मेरी आँखों से बहा करता है !!
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वो बेवफा न था यूँ ही बदनाम हो गया फ़राज़
हजारों चाहने वाले थे वो किस किस से वफ़ा करते !!
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वो जनता था की उसकी मुस्कुराहट मुझे पसंद है फ़राज़
उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराते हुए दिया !!
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कसूर नहीं इसमें कुछ भी उनका फ़राज़
हमारी चाहत ही इतनी थी की उन्हें गुरुर आ गया !!
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ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए
तेरे दोस्ती काफी है तुझे रुलाने के लिए
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कुछ ऐसे हादसे भी जिंदगी में होते है फ़राज़
के इंसान तो बच जाते है मगर जिन्दा नहीं रहता !!
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तू किसी और के लिए होगा समंदर ए इश्क़ फ़राज़
हम तो रोज़ तेरे साहिल से प्यासे गुजर जाते है !!
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कितना खौफ होता है शाम के अँधेरे में फ़राज़
पूछ उन परिंदो से जिनके घर नहीं होते !!
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बस यही आदत मुझे उसकी अच्छी लगती है फ़राज़
उदास कर के मुझे भी वो खुश नहीं रहता !!
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किस किस से मोहब्बत के वेड किये है तू ने फ़राज़
है रोज़ एक नया शख्स तेरा नाम पूछता है !!
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मौसम का ऐतबार ज्यादा नहीं किया सो उसने हमसे प्यार ज्यादा नहीं किया
कुछ तो फ़राज़ हमने पलटने में देर की कुछ उसने इंतज़ार ज्यादा नहीं किया
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मैं डूब के उभरा तो बस इतना ही देखा है फ़राज़
औरों की तरह तू व् किनारे पे खड़ा था !!
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उसकी बाते मुझे खुशबू की तरह लगती है
फूल जैसे कोई सेहरा में खिला करता है !!
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रूठ जाने की अदा हमको भी आती है फ़राज़
काश होता कोई हम को भी मनाने वाला !!
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उस की निगाह में इतना असर था फ़राज़
खरीद ली उसने एक नजर में जिंदगी हमारी !!
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उस से बिछड़े तो मालूम हुआ की मौत भी कोई चीज है फ़राज़
जिंदगी वो थी जो हम उसकी महफ़िल में गुजर आए !!
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कभी कभी तो रो पड़ती है यूँ ही आंखे
उदास होने का कोई सबब नहीं होता !!
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कांच की तरह होते है गरीबो के दिल फ़राज़
कभी टूट जाते है तो कभी तोड़ दिए जाते है !!
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वो बात बात पे देता है परिंदो की मिसाल
साफ़ साफ़ नहीं कहता मेरा शहर ही छोड़ दो !!
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हम अपनी रूह तेरे जिस्म में छोड़ आए फ़राज़
तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था !!
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बर्बाद करने के और भी रास्ते थे फ़राज़
न जाने उन्हें मुहब्बत का ही ख्याल क्यूं आया !!
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मैंने आजाद किया अपनी वफाओं से तुझे
बेवफाई की सजा मुझको सुना दी जाए !!
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कौन देता है उम्र भर का सहारा फ़राज़
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते है !!
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ये वफ़ा उन दिनों की बात है फ़राज़
जब लोग सच्चे और मकान कच्चे हुआ करते थे !!
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हम ने सुना था दोस्त वफ़ा करते है फ़राज़
जब हम ने किया भरोसा तो रिवायत ही बदल गई !!
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मै अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ फ़राज़
की किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता !!
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ऐसा डूबा हु तेरी याद के समंदर में फ़राज़
दिल का धड़कना भी अब तेरे कदमो की सदा लगती है !!
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अकेले तो हम पहले भी जा रहे थे फ़राज़
क्यों तन्हा से हो गए तेरे जाने के बाद !!
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प्यार में एक ही मौसम है बहारों का फ़राज़
लोग कैसे मौसम की तरह बदल जाते है !!
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जो लोग कभी रोज़ मिला करते थे फ़राज़
वो चेहरे तो अब ख्वाब -ओ ख़याल हो गए !!
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सुना है लोग उसे आँख भर के देखते है
तो चलो उनके सेहर में कुछ दिन ठहर के देखते है !!
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बारिसों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़
कच्चा तेरा मक़ान है कुछ तो ख़याल कर !!
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तमाम उम्र मुझे टूटना बिखरना था फ़राज़
वो मेहरबां भी कहा तक समेटता मुझे !!
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कुछ ऐसे हादसा भी जिंदगी में होते है फ़राज़
के इंसान तो बच जाता है मगर जिन्दा नहीं रहता !!
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वह से एक पानी बूंद न निकल सकी फ़राज़
तमाम उम्र जिन आँखों को हम झील लिखते रहे !!
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धन्यवाद !!
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