Dr. Nadeem Shad Ki Mashoor Shayari - Nadeem shad ki shayari - Best Collections
दोस्तों आज एक और कवि मंचों के बेहतरीन शायर से रूबरू होंगे हम आप ये वो नाम है जो अब किसी पहचान के मुहताज़ नहीं है एक शेर इनके लिए सटीक बैठता है के
जब भी मिलता है वो अंदाज़ जुदा होता है !
और चाँद सौ बार भी निकले तो वो नया होता है !!
जी हां दोस्तों वो नाम है जनाब डॉ नदीम शाद इनकी शेरो शायरी में जो ठहराव है इनके आवाज़ में जो ठहराव ये हम सुनने वालों को बार बार उनकी शायरी को सुनने और पढ़ने को मजबूर करती है। आज मशहूर 10+ जनाब नदीम शाद की शायरी आपलोगों के बीच प्रस्तुत करूँगा आइये उनके लिखे इन बेहतरीन शायरी/ग़ज़ल को पढ़े।
Nadeen shad shayari
कहना है के !!
दुश्मनी की तो क्या पूछिये,दोस्ती का भरोसा नहीं !
आप मुझसे भी पर्दा करे अब किसी का भरोसा नहीं !!
कल ये भी मेरे आंगन में थी जिसपे तुझको गुरुर आज है !
कल ये शायद तुझे छोड़ दे इस ख़ुशी का भरोसा नहीं !!
क्या जरुरी है हर रात में चाँद तुझको मिले जानेजां !
जुगनुओं से भी निस्बत रखो ,चाँदनी का भरोसा नहीं !! (निस्बत -- रिश्तेदारी ,दोस्ती )
रात-दिन मुस्तक़िल कोशिशे ,जिंदगी कैसे बेहतर बने ! (मुस्तक़िल-- मजबूत ,पक्की )
इतने दुःख जिंदगी के लिए ,और इसी का भरोसा नहीं !!
पत्थरों से कहो राज़े दिल ,ये न देंगे दग़ा आपको !
ऐ -नदीम आज के दौर में आदमी का भरोसा नहीं !!
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Nadeem shad Do line ki shayari
मुश्किल कोई आन परी तो घबड़ाने से क्या होगा !
जीने की तरक़ीब निकालो मर जाने से क्या होगा !!
सब मिल कर आवाज़ उठाये तो कुछ चाँद पे रोब परे ! (रोब -- दबदबा )
मै तनहा जुगनू हूँ मेरे चिल्लाने से क्या होगा !!
हमको देख के शर्माओ तो शर्माने की दाद भी दे !
आईने मे देख के खुद को शर्माने से क्या होगा !!
हमको देख के शर्माओ तो शर्माने की दाद भी दे !
आईने मे देख के खुद को शर्माने से क्या होगा !!
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तुमसे बिछड़े तो सोचा था बस एक -जा से अलग हो गए !
अब लगा एक जा से नहीं दो जहां से अलग हो गए !!
ऐ -वतन रह के परदेश में ऐसे घुट -घुट के रोते थे हम !
जैसे बच्चे किसी भीड़ में अपनी माँ से अलग़ हो गए !!
दास्तां लिखने वाले ने तो सब हमारे ही खु से लिखा !
और सितम देखिये खुद दास्तां से अलग हो गए !!
तुम खुदा तो नही हो नदीम, एक दिन तुम भी मर जाओगे !
फिर ताकब्बुर भला किस लिए तुम कहा से अलग हो गए !! (ताकब्बुर- अभिमान)
तुम खुदा तो नही हो नदीम, एक दिन तुम भी मर जाओगे !
फिर ताकब्बुर भला किस लिए तुम कहा से अलग हो गए !! (ताकब्बुर- अभिमान)
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हे बेग़ुनाह तो होने से कुछ नहीं होगा !
सुबूत दीजिए रोने से कुछ नहीं होगा !!
दीये दियों से जला कर जमीन रोशन कर !
दिये जमीन में बोने से कुछ नहीं होगा !!
सबब तलाश करो अपने हार जाने का !
किसी की जीत पे रोने से कुछ नहीं होगा !!
अगर है ख़्वाब की ख्वाइस तो जागना सीखो !
यूँ आँख मूंद के सोने से कुछ नहीं होगा !!
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मेरा रुतबा न घटा मुझपे ये एहसान समझ !
तू फरिश्ता न बना मुझको बस इंसान समझ !!
इबने आज़म हू मै झूठा भी तो हो सकता हु !
मैंने कब तुझसे कहा था मुझे क़ुरान समझ !!
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सब कुछ आसा हो सकता ऐसा लगता है !
कुछ लोगों से मिल के कितना अच्छा लगता है !!
चाहे सब खो जाए लेकिन उनको मत खोना !
जिनको तेरी आँख का आंसू दरिया लगता है !!
सच मेरे बारे में था तो कितना अच्छा था !
तेरे बारे में बोला तो कड़वा लगता है !!
ख़ैर इजाज़त दे मुझको आगे बढ़ने की !
कोई है जो बिल्कुल तेरे जैसा लगता है !!
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मेरा रुतबा न घटा मुझपे ये एहसान समझ !
तू फरिश्ता न बना मुझको बस इंसान समझ !!
इबने आज़म हू मै झूठा भी तो हो सकता हु !
मैंने कब तुझसे कहा था मुझे क़ुरान समझ !!
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Nadeem Shad Shayari
सब कुछ आसा हो सकता ऐसा लगता है !
कुछ लोगों से मिल के कितना अच्छा लगता है !!
चाहे सब खो जाए लेकिन उनको मत खोना !
जिनको तेरी आँख का आंसू दरिया लगता है !!
सच मेरे बारे में था तो कितना अच्छा था !
तेरे बारे में बोला तो कड़वा लगता है !!
ख़ैर इजाज़त दे मुझको आगे बढ़ने की !
कोई है जो बिल्कुल तेरे जैसा लगता है !!
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नदीम शाद की शायरी
लड़ सको दुनिया से जज्बो में वो शिद्दत चाहिए !
इश्क़ करने के लिए इतनी तो हिम्मत चाहिए !!
कम से कम मैंने छुपा ली देख कर सिग्रेट तुम्हें !
और इस लड़के से तुमको कितनी इज़्ज़त चाहिए !!
जाने किसका हक़ दबा कर घर में दौलत लाए हो !
और उसपे ये सितम इसमें भी बरक़त चाहिए !!
वो खुदा से माँगता है आप क्यों नाराज़ है !
वो शराबी है तो क्या उसको भी ज़न्नत चाहिए !!
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इश्क़ करने के लिए इतनी तो हिम्मत चाहिए !!
कम से कम मैंने छुपा ली देख कर सिग्रेट तुम्हें !
और इस लड़के से तुमको कितनी इज़्ज़त चाहिए !!
जाने किसका हक़ दबा कर घर में दौलत लाए हो !
और उसपे ये सितम इसमें भी बरक़त चाहिए !!
वो खुदा से माँगता है आप क्यों नाराज़ है !
वो शराबी है तो क्या उसको भी ज़न्नत चाहिए !!
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नदीम शाद शायरी
रस्मों की जंजीर भी तोड़ी जा सकती है !
तेरी खातिर दुनिया छोड़ी जा सकती है !!
उसको भुला कर मुझको ये मालूम हुआ है !
आदत कैसी भी हो छोड़ी जा सकती है !!
ये जो छोटे छोटे से कुछ मिश्रे है ना !
इनमे से एक उम्र निचोड़ी जा सकती है !!
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धन्यवाद !!
तेरी खातिर दुनिया छोड़ी जा सकती है !!
उसको भुला कर मुझको ये मालूम हुआ है !
आदत कैसी भी हो छोड़ी जा सकती है !!
ये जो छोटे छोटे से कुछ मिश्रे है ना !
इनमे से एक उम्र निचोड़ी जा सकती है !!
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धन्यवाद !!
Wah kya shayari hai dil kai chhu gyi
जवाब देंहटाएंVaah..... Bahut bahut shukriya ji
जवाब देंहटाएंMost satisfying shayri, contains solutions of life
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